1. जिसने ज्न्यान को आचरण में उतार लिया , उसने ईश्वर को मूर्तिमान कर लिया – विनोबा भावे
2. अकर्मण्यता का दूसरा नाम मर्त्यु है – मुसोलिनी
3. पालने से लेकर कब्र तक ज्ञान प्राप्त करते रहो – पवित्र कुरान
4. इच्छा ही सब दूखो का मूल है – गौतम बुद्ध
5. मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका अज्न्यान है – चाणक्य
2. अकर्मण्यता का दूसरा नाम मर्त्यु है – मुसोलिनी
3. पालने से लेकर कब्र तक ज्ञान प्राप्त करते रहो – पवित्र कुरान
4. इच्छा ही सब दूखो का मूल है – गौतम बुद्ध
5. मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका अज्न्यान है – चाणक्य